
भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गाँधी उर्फ़ महात्मा गाँधी के समाधी स्थल राजघाट पर जाकर नाच गाना करना अशोभनीय है। अगर यहाँ पर पुलिसिया कारवाई होती तो शायद ही कोई इसका विरोध करता। ये देश का अपमान है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। आजाद भारत में बापू के बलिदान का खुलम खुला अपमान है। ये और भी विचारणीय है की जो नाच रही है वो लोकसभा में विपक्ष की नेता , सांसद और भाजपा की वरिष्ट नेता है। देखते है इस घटना का कितना विरोध सरकार कर पाती है ।