श्री कृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन दिनांक १४,१५ और १६ अगस्त २००९ को पञ्जाबी कालोनी गली नंबर -१ समस्तीपुर में किया जायेगा। आप पाठको से अनुरोध है उक्त तिथि को गंतव्य स्थान पर उत्सव में शामिल होकर आयोजन सफल बनाये ।
बिहार मैं सामाजिक क्रांति के जनक , पिछडो , दलितों एवं अल्पसंख्यको को सम्मान देकर समाज के मुख्या धारा से जोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री एवं सदी के महानतम रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव जी और सामाजिक न्याय की मसीहा पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबडी देवी जी सहित बिहारवासियों को होली पर्व पर हार्दिक बधाई ।
नाम - राजा राम राकेश ( डाक सहायक ) टिहरी प्रधान डाकघर उत्तराखंड पिता - डॉ दिनेश्वर प्रसाद यादव ( प्राचार्य ) नंदन कॉलेज मधुबनी, बिहार माँ- डॉ लीला यादव ( प्रोफ़ेसर ) चरण कर्पूरी कॉलेज समस्तीपुर, बिहार अनुज -अजीत यादव( आई आई टी ) हर्षवर्धन यादव ( आई आई टी )और अभिषेक यादव ( दशम ) पुत्र - अत्री नारायण यादव पुत्री - आशका नारायण यादव ससुर - श्री बवन यादव ( राजद ) नेता बिहार प्रदेश
जगदगुरु श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई। भगवान् जितने भी है उनमे सिर्फ़ श्री कृष्ण ही है जिन्होंने भारतवासियों के जागरण के लिए उपदेश दिया जिसे गीता उपदेश कहते है. आप गीता उपदेश को पढने के बाद अनुभव कर सकते है कि क्यों भारत महान है। विष्णु पुराण के अनुसार जब वाणासुर संग्राम में भगवान शिव और श्री कृष्ण में युद्घ होता है तो भगवान शिव हार जाते है और शिव अपने प्राणों के रक्षा के लिए श्री कृष्ण से कहते है श्री कृष्ण , श्री कृष्ण मुझ पर प्रसन्न होकर मेरे प्राणों की रक्षा करें। श्री कृष्ण कहते है में आपको और दैत्य वाणासुर दोनों को नही मरूँगा। वाणासुर के पूर्वज को मैंने वचन दे रखा है में किसी भी दैत्य का वध नही करूँगा और आपको इस लिए नही प्राण दंड दूंगा क्योंकि आप मेरे शरण में आ चुके है । एक बार महाबली हनुमान ने भीम से कहा की मैंने एक हाथ से पहाड़ उठा लिया मेरे इतना शक्ति किसी के पास नही है तब भीम ने कहा मेरे भगवान श्री कृष्ण ने बायं हाथ के सब से छोटे ऊँगली से गोवेर्धन को सात दिन तक उठाये रखा वो कितने शक्तिशाली होंगे । फिर श्री कृष्ण के साथ इन्द्र , कार्तिके , वाणासुर और भगवान शंकर भी युद्घ कर पराजीत हो चुके है।
मेरा जन्म बिहार के समस्तीपुर में हुआ है। समस्तीपुर जिला बिहार के प्रमुख शहरों में से एक है। २००४ में मेरा चयन डाक विभाग में हुआ। पत्र पत्रिका में लिखना मेरा प्रथम शौक है। मेरे आदर्श मेरे बड़े आदरणीय डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव जी है। श्री यादव जी अपने नाम को सार्थक करते है।