Friday, 21 January 2011

देश रत्न बलिराम भगत


बिहार ने एक पुत्र को खो दिया है । देश रत्न श्री बलिराम भगत पर भारत को गर्व था । इसे संयोग ही कहेंगे की बिहार में जितने भी विख्यात लोग हुए सभी यादव जाति से है । जिनमे प्रमुख है मंडल कमीशन के जनक श्री बी पी मंडल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दरोगा प्रसाद राय, कांग्रेस नेता श्री राम लखन सिंह यादव, पूर्व शिक्षा मंत्री श्री डी पी यादव, पूर्व रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्य मंत्री श्रीमती राबड़ी देवी आदि , देश रत्न श्री बलिराम भगत एक मेधावी छात्र , स्वतंत्रा सेनानी, पत्रकार , लेखक, राज्यपाल, विदेश मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, आदि आदि थे । शब्द कम पड़ जायेंगे , फिर भी संक्षेप में लिखा जा रहा है । बिहार के समस्तीपुर के मूल निवासी देश रत्न श्री बलिराम भगत का जन्म ०७-१०-१९२२ को हुआ । पटना कॉलेज से स्नातक और पटना विश्वविध्यालय से ही अर्थशास्त्र में परास्नातक किया। उस वक्त परास्नातक करना बहुत बड़ी बात थी। १९३९ में मात्र १७ वर्ष के नाबालिग उम्र में स्वतंत्रा संग्राम की लड़ाई लड़ने भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में शामिल हो गए । १९४२ में भारत छोडो आन्दोलन में शामिल होने कॉलेज त्याग दिया। जबकि श्री भगत पटना विश्वविध्यालय के मेधावी छात्र थे। देश रत्न श्री बलिराम भगत १९४६ में कांग्रेस के महासचिव बनाये गए । श्री भगत १९४७ में पटना से राष्ट्र दूत नामक हिंदी पत्रिका शुरू किया। समाचार पत्रों में आर्थिक, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मामलो पर नियमित रूप से लिखते रहे। देश रत्न श्री बलिराम भगत ने अंतराष्ट्रीय विषयों पर कई पुस्तक लिखे। उनके लेखन से तत्कालीन कई राजनेता लेखक प्रभावित थे। देश रत्न श्री बलिराम भगत की प्रतिभा का उपयोग कांग्रेस ने जमकर किया। श्री भगत अंतराष्ट्रीय मामलो के कुशल जानकार थे। वे जितने बेहतर लेखक थे उतने ही बेहतर वक्ता भी थे। श्री भगत विभिन्न अंतराष्ट्रीय मंचो पर भारतीय संसद का प्रतिनिधित्व करते रहे । इन्स्ताबुल,लन्दन,कोलोम्बो और जापान में श्री भगत ने अपने कुशल भाषण से सभी को प्रभावित किया था। देश रत्न श्री बलिराम भगत पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी की सरकार में भारत सरकार में विदेश मंत्री रहे । श्री भगत हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के राज्यपाल के रूप में देश के सेवा करते रहे । पांचवी लोकसभा के अध्यक्ष बन उन्होंने साबित किया योग्यता की परिभाषा क्या होती है। देश रत्न श्री भगत हम सब को छोड़कर ०२ जनवरी २०११ में चले गए । उनके निधन से बिहार में शोक की लहर फैल गयी । श्री भगत की योग्यता का लोहा पूर्व प्रधानमंत्री नेहरु, इंदिरा भी मानती थी। उनके निधन होने पर उनके पार्थिव शरीर पर पूर्व रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव ने न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुच कर पुष्प अर्पित किये. पटना में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी, प्रदेश महासचिव राजद श्री एस एन यादव उर्फ़ बबन यादव, प्रधान महासचिव श्री राम कृपाल यादव ने शोक व्यक्त किया । समस्तीपुर में भी कई जगह शोक सभा आयोजित किया गया। समस्तीपुर के प्रसिद्द शिक्षाविद और नन्द संस्कृत महाविद्यालय मधुबनी के प्राचार्य डॉ दिनेश्वर प्रसाद यादव ने कहा श्री भगत जैसे पत्रकार, लेखक, राजनेता बार-बार जन्म नहीं लेते। डॉ यादव ने अपने पुराने दिन को याद करते हुए कहा की बलिराम भगत महाविद्यालय समस्तीपुर का में छात्र रहा हूँ मुझे इस बात का गर्व है। सामाजिक कार्यकर्त्ता वंदना यादव ने कहा समस्तीपुर के ही नहीं भारत के यादवो को गर्व था की श्री भगत यादव थे। वंदना यादव ने आगे कहा श्री बलिराम भगत को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।

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